Sunday 17 May 2015

मुझे जिंदगी का साथ मिल गया

एक ख़मोश नीला आसमान​
एक तन्हांसि शाम
एक बचपन जैसी चंचल बहती नदी
एक आंचल जैसी ठंडी हबा का झोंका
पूछति हे मुझसे तुम्हारा पता ;-

एक हसीन यादों का मेला
एक गुजरते लम्हों का सिलसिला
एक सुरमई सादगि का मिठास​
कहरही हे एक तुम हो यहा,
सिर्फ मैं और तुम -
मुझे जिंदगी का साथ मिल गया ।

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